Sanatana Dharma is the original name of what is now popularly called Hinduism or Hindu Dharma. The terms Hindu and Hinduism are said to be a more recent development, while the more accurate term is Sanatana Dharma.
Why Lord Vishnu Is Called Palanhar. शास्त्रों में विष्णु के लिए कहा गया है - शांताकारं भुजगशयनं पद्यनाभ सुरेशम विश्वाधार गगनसदृशं मेघवर्ण शुभांगम लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिध्र्यानगमयम वंदे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैनाथं
Sanatana Dharma And Its Inherent Symbolism. Which Is The World's Oldest Religion. Which Is The World's Oldest Religion? What Is The Evidence Of It. सनातन का अर्थ है शाश्वत।
अर्थात, जो सदा से हो और सदा के लिए हो। अपने अर्थ की तरह यह धर्म भी अनादि काल से विद्यमान है और अनंत तक विद्यमान रहेगा। Sanatana Dharma And Its Inherent Symbolism. Sanatan Dharma Is A Journey From Religion To Salvation. धर्म क्या है ?
एक उपासना ? ईश्वर की खोज करने वाला रास्ता? Sanatan-dharma-is-a-journey-from-religion-to-salvation. धर्म क्या है ?
एक उपासना ? ईश्वर की खोज करने वाला रास्ता? या फिर सांसारिक प्रदर्शन ? असल बात तो यह है कि धर्म की व्याख्या ही गलत तरह से की गयी है। What is The Concept Of God In Sanatan Dharma. गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है।
मैं अजन्मा हूं। मैं कण-कण में विराजमान हूं। मैं सभी में हूं। Brahmakrit Productions. The Attainment Of Brahma By Virtue And the path of non-virtue. सनातन धर्म में ब्रह्मत्व को प्राप्त करने के दो मार्ग बताए गए हैं।
एक है सगुण और दूसरा निर्गुण। सगुण से तात्पर्य है ब्रह्म के आकार की उपासना करना। How Is Dharma Different From Religion. मनुष्य में असीमित शक्तियां हैं, वह असाधारण है।
वह चाहे तो अपनी इन्द्रियों को जागृत करके किसी भी असम्भव कार्य को संभव कर सकता है। हमारे पुराणों व ग्रंथों में ऋषि-मुनियों ने ऐसा करके भी दिखाया है। लेकिन, इन असीमित शक्तियों को एक सकारात्मक दृष्टि देकर मनुष्य को मानव योनि की प्राप्ति का उद्देश्य बताने के लिए ही धर्म की उत्पत्ति हुई, धर्म एक ऐसी अवधारणा है जो हमे जीवन का मर्म समझाती है। धर्म हमें बताता है कि हमारी इन असीमित शक्तियों का केंद्र ब्रह्म ही है और समस्त ब्रह्माण्ड में सबकुछ उसकी ही ऊर्जा से चल रहा है। लेकिन, इस ब्रह्म तक पहुँचने का मार्ग बताने के लिए किसी ऐसी मान्यता का होना आवश्यक हो जाता है, जिसपर मनुष्य का अचेतन मन स्थिर हो सके और उसका अनुसरण करके अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर सके।
How Is Dharma Different From Religion. मनुष्य में असीमित शक्तियां हैं, वह असाधारण है।
वह चाहे तो अपनी इन्द्रियों को जागृत करके किसी भी असम्भव कार्य को संभव कर सकता है। हमारे पुराणों व ग्रंथों में ऋषि-मुनियों ने ऐसा करके भी दिखाया है। लेकिन, इन असीमित शक्तियों को एक सकारात्मक दृष्टि देकर मनुष्य को मानव योनि की प्राप्ति का उद्देश्य बताने के लिए ही धर्म की उत्पत्ति हुई, धर्म एक ऐसी अवधारणा है जो हमे जीवन का मर्म समझाती है। धर्म हमें बताता है कि हमारी इन असीमित शक्तियों का केंद्र ब्रह्म ही है और समस्त ब्रह्माण्ड में सबकुछ उसकी ही ऊर्जा से चल रहा है।
लेकिन, इस ब्रह्म तक पहुँचने का मार्ग बताने के लिए किसी ऐसी मान्यता का होना आवश्यक हो जाता है, जिसपर मनुष्य का अचेतन मन स्थिर हो सके और उसका अनुसरण करके अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर सके। Why-hindu-dharma-is-called-sanatana-dharma. सनातन का अर्थ है शाश्वत।
यानी ऐसा सत्य जिसे कभी भी मिटाया या झुठलाया न जा सके। हिंदू और सनातन धर्म को मानने वाले इसी सत्य के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि ईश्वर ऐसी शक्ति है जो पूरे ब्रह्मांड का संचालन कर रही है और वही शाश्वत भी है। यानी ईश्वर को कभी भी झुठलाया या मिटाया नहीं जा सकता। Sanatana Dharma - The Path Of Liberation: sanatanadharma — LiveJournal. Sanatan Dharma Foundation — What is The Concept Of God In Sanatan Dharma. What is The Concept Of God In Sanatan Dharma? गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है।
मैं अजन्मा हूं। मैं कण-कण में विराजमान हूं। मैं सभी में हूं। तुम मेरी ही शक्ति से सबकुछ देख सकते हो और सबकुछ सुन सकते हो। Wanna Reach Out? Call Us Today. You Can Also Connect With Us Via Email. Working For The Social And Cultural Reincarnation Of The Sanatana Dharma. About Us - Sanatana Dharma Foundation. हिंदू धर्म को सनातन धर्म क्यों कहा जाता है? - Sanatana Dharma Foundation. सनातन का अर्थ है शाश्वत। यानी ऐसा सत्य जिसे कभी भी मिटाया या झुठलाया न जा सके। हिंदू और सनातन धर्म को मानने वाले इसी सत्य के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं।
उनका मानना है कि ईश्वर ऐसी शक्ति है जो पूरे ब्रह्मांड का संचालन कर रही है और वही शाश्वत भी है। यानी ईश्वर को कभी भी झुठलाया या मिटाया नहीं जा सकता। हिंदू और सनातन धर्म के लोग ईश्वर के इसी शाश्वत स्वरूप पर विश्वास करते हैं। सगुण व निर्गुण मार्ग से ब्रह्म्त्व की प्राप्ति का अर्थ. सनातन धर्म में सगुण व निर्गुण मार्ग से ब्रह्म्त्व कि प्राप्ति हो सकती है सनातन धर्म में ब्रह्मत्व को प्राप्त करने के दो मार्ग बताए गए हैं। एक है सगुण और दूसरा निर्गुण। सगुण से तात्पर्य है ब्रह्म के आकार की उपासना करना। Sanatana Dharma - The Path Of Liberation. Sanatana Dharma Foundation - Know More About Hinduism.