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Online Pandit Ji Booking for Puja in Indore - My Pandit G  19 जुलाई, कामिका एकादशी व्रत, जानें इस व्रत का महत्व और विधि - My Pandit G. श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो की 19 जुलाई 2017 अर्थात बुधवार को है।

19 जुलाई, कामिका एकादशी व्रत, जानें इस व्रत का महत्व और विधि - My Pandit G

इस दिन भगवान श्री हरी की पूजा और उनकी भक्ति का सर्वश्रेष्ठ समय होता है। इस व्रत के पुण्य से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आज हम जानेंगे किस प्रकार इस एकादशी को किया जाये। मनोकामना पूर्ति के लिए राशि अनुसार करें इस सावन शिवलिंग का अभिषेक. सावन की शुरुआत हो चुकी है।

मनोकामना पूर्ति के लिए राशि अनुसार करें इस सावन शिवलिंग का अभिषेक

कहा जाता है यदि इस सावन के समय में कोई भी सच्चे मन और भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ति होती है। आज हम जानेंगे राशि अनुसार किस प्रकार भगवान शिव की आराधना करना हमारे लिए सबसे ज्यादा फलदाई होगा। वास्तु अनुसार जानें कौन से पौधे लगाने से मिलता है शुभ-अशुभ फल. पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

वास्तु अनुसार जानें कौन से पौधे लगाने से मिलता है शुभ-अशुभ फल

ये जिस प्रकार हम सभी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है उसी प्रकार इसे घर के लिए भी शुभ फलदाई माना जाता है। लेकिन यदि इन्हीं पौधे को हम सही दिशा और घर के सही हिस्से में नहीं लगाया जाए तो ये अशुभता प्रदान करता है। आज हम वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे ही पेड़-पौधे के बारे में जानेंगे जो घर-परिवार के लिए शुभ और अशुभ है। क्या आपके ऊपर अलौकिक शक्तियों का हाथ है ? कैसे जानेगे उनके संकेत ? दैवीय शक्ति अर्थात ऐसी शक्ति जो उस परमात्मा के पास है।

क्या आपके ऊपर अलौकिक शक्तियों का हाथ है ? कैसे जानेगे उनके संकेत ?

जिसका सिर्फ हम अनुभव कर सकते हैं। इस शक्ति का अनुभव करने के दो तरीके हैं: ईश्वर में श्रद्धा तथा विश्वास। इन दो तरीकों से हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। ईश्वर को प्राप्त करने का एक ही तरीका है वो है अध्यात्म। कई लोग ईश्वर के आशीर्वाद के साथ उनका सानिध्य भी पाना चाहते हैं, लेकिन ऐसे कम लोग होते है जिन्हें ईश्वर का सानिध्य प्राप्त होता है। किस तरह भोजन करने से होता है हमारे स्वास्थय को नुकसान? - My Pandit G.

हमारे शास्त्रों में कई सारे ऐसे उपाय बताये गए हैं जिनका प्रयोग करना सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि देवी-देवताओं के कृपा प्राप्त करने में मदद करता हैं।

किस तरह भोजन करने से होता है हमारे स्वास्थय को नुकसान? - My Pandit G

आज हम भोजन करने से सम्बंधित कुछ पुरानी मान्यताओं के बारे में जानेंगे। भोजन करते वक्त दिशाओं का ध्यान रखें: किस प्रकार बिना कुंडली दिखाए, अपनी आदतों से जानें ग्रहों के दोषों के बारे - My Pandit G. कई बार हमारे कुंडली में या तो कुछ ग्रह कमजोर होते हैं या अच्छी स्थिति में नहीं होते हैं।

किस प्रकार बिना कुंडली दिखाए, अपनी आदतों से जानें ग्रहों के दोषों के बारे - My Pandit G

और हमें ये पता भी नहीं होता है। उसे जानने के लिए हमें अपनी कुंडली को दिखाना पड़ता है। वो भी तब जब हमें कई मुसीबतें का सामना करना पड़ता है। आज हम जानेंगे बिना कुंडली के किस प्रकार जानें हमारे कुंडली में कौन से ग्रह अशुभ स्थिति में है और उसके लिए क्या उपाय किये जायें। Sai Baba Vrat And Puja Vidhi. क्यों पहना जाता है मौली धागा, क्या है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण?

मौली धागा, जिसे हम पूजा के दौरान ब्राह्मण के द्वारा हम अपने कलाई पर बांधते हैं।

क्यों पहना जाता है मौली धागा, क्या है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण?

हमारे धर्म में इस धागे का बहुत महत्त्व है। जो भी मनुष्य पूजा या किसी यज्ञ में बैठता है उसे इस धागे को अपनी दायीं या बाईं कलाई पर बांधना होता है। इस धागे को बांधने से धर्म लाभ के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। आज हम जानेंगे की क्यों मौली धागा बांधा जाता है और इसके क्या लाभ है? हमारे शास्त्र के अनुसार मौली धागा या तो 3 धागे वाले या 5 धागे वाले होते हैं।

क्यों करना चाहिए हमें संध्या वंदन? क्या है इसके लाभ? संध्या वंदन- सूर्य तथा तारों से रहित दिन और रात की संधि को हमारे मुनियों ने संध्याकाल माना है।

क्यों करना चाहिए हमें संध्या वंदन? क्या है इसके लाभ?

हमारे धर्म ग्रन्थ वेद, पुराण, रामायण,महाभारत, गीता और सभी ग्रंथों में संध्या वंदन की महिमा और महत्त्व का वर्णन किया गया है। इसके द्वारा हम प्रकृति तथा ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। जिससे हमारे अंदर सकारात्मकता का विकास होता है। 6 जुलाई जया पार्वती व्रत, जानें इस व्रत की विधि और महत्व. जया पार्वती व्रत जो की 6 जुलाई को है, जो १२ जुलाई 2017 को समाप्त होगा।

6 जुलाई जया पार्वती व्रत, जानें इस व्रत की विधि और महत्व

यह व्रत माँ जया को समर्पित है जो माँ पार्वती का रूप है। 5 दिनों तक चलने वाला यह व्रत, प्रायः गुजरात में मनाया जाता है। इन पांच दिनों तक महिलाएं और कुंवारी कन्या व्रत रखती हैं। कुंवारी कन्या अच्छा पति पाने के लिए और शादी-शुदा महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए। महामृत्युंजय मंत्र के जप से किन चीजों का नाश होता है और कौन सी चीजें प्राप्त होती है? महामृत्युंजय मंत्र, एक ऐसा मंत्र है जिसके प्रभावों और शक्तियों की व्याख्या हमारे कई शास्त्रों और पुराणों में मिलता है।

महामृत्युंजय मंत्र के जप से किन चीजों का नाश होता है और कौन सी चीजें प्राप्त होती है?

ये मंत्र भगवान शिव का सबसे प्रभावशाली मंत्र है। ये मंत्र इतना प्रभावशाली है की इस मंत्र के पाठ से मनुष्य की सारी बाधाओं और परेशानियों का नाश होता है। इस मंत्र का रोजाना रुद्राक्ष की माला से जप करने से होने वाले असमय मृत्यु भी दूर हो जाती है। आज हम जानेंगे इस महा मंत्र के प्रभावों के बारे में। दोषों का अंत: 4 जुलाई देवशयनी एकादशी व्रत, इस प्रकार करें श्री हरी की पूजा देवशयनी एकादशी आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहा जाता है। शास्त्र अनुसार भगवान श्री हरी चार महीने तक योग निद्रा में जाते हैं। चातुर्मास हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इसी दिन से शुरू होता है जो चार महीने तक होता है। इन चार महीनों में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के महीनों के अनुसार जानें अपनी विशेषता के बारे में - My Pandit G. प्रत्येक धर्म के अनुसार उनके कैलेंडर अलग होते हैं। हमारे राशियों का विभाजन अंग्रेजी कैलेंडर के १२ महीनों के आधार पर होता है। आज हम हिन्दू पंचांग अर्थात हिन्दू कैलेंडर के अनुसार जानेंगे जन्म माह के आधार पर अपने बारे में।

अपने स्वाभाव के बारे में। वास्तु अनुसार गर्भवती महिला और शिशु के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कमरे में रखें ये चीजें 24 जून शनिश्चरी अमावस्या, राशि अनुसार इस प्रकार करें शनि पूजन - My Pandit G. २३ जून को शनि राशि परिवर्तित कर रहा है और २४ जून अर्थात शनिवार के दिन अमावस्या है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा संयोग बहुत ही शुभ माना गया है। शनिवार की अमावस्या का महत्त्व बहुत अधिक है। जिसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। आज हम जानेंगे किन राशि को कौन से उपाय करना चाहिए इस शनिवार की अमावस्या के दिन। १) मेष राशि: Why Do We Do Puja? - My Pandit G. 23 जून शनि का प्रवेश वृश्चिक राशि में, जानिए राशियों पे होने वाले शुभ-अशुभ प्रभावों को - My Pandit G. २३ जून शुक्रवार के दिन शनि वक्री होकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करने वाला है जो इस राशि में २५ अगस्त शुक्रवार तक वक्री रहेगा। इस समय के दौरान शनि २ महीनों तक टेढ़ी चाल से चलेगा। जिसके कारन कई राशियों पर शुभ तो कुछ राशियों पर अशुभ प्रभाव रहेंगे।

आइये आज हम जाने किन राशियों पर शुभ और किन राशियों पर अशुभ प्रभाव रहेगा। शनि को न्याय का कारक ग्रह के रूप में माना जाता है। शनि के टेढ़ी चाल और राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर शनि के साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा और कुछ राशियों पर शनि की ढय्या का।