background preloader

Astrolokvedic01

Facebook Twitter

Astrology online training course by Astrolok - An Institute of Vedic Astrology. Learn Astrology, VastuShastra, Palm reading course in India, USA, Canada, Australia, UK. Join distance learning and become perfect in Indian Vastu, Numerology, Palmistry, Gems and Crystals Therapy,horoscope, Kundali reading

Learn Astrology online with renowned International Astrologer. Online Astrology Courses. ज्योतिष के अनुसार जातक को होने वाले रोग. ज्योतिष के अनुसार जातक को होने वाले रोग नेत्र रोग नेत्र रोग सम्बंधित विचार सूर्य, चन्द्रमा , मंगल , शनि और द्वितीय तथा द्वादश भाव से किया जाता है | द्वादश भाव बांयें नेत्र का और द्वितीय भाव से दाहिने नेत्र का कारक होता है | इसी प्रकार सूर्य दाहिने नेत्र का और चन्द्रमा बांयें नेत्र का कारक होता है | सूर्य और चण्द्रमा के लिए वृषभ राशि का छठा अंश से दशम अंश तक अंध-अंश कहलाता है| अर्थात सूर्य या चन्द्रमा यदि जन्म के समय में इन अंशों में से किसी अंश में हो तो इस तरह का चन्द्रमा अंध-अंश-गत कहा जाता है | इसी प्रकार मिथुन राशि का ९ अंश से १५ अंश तक अंध अंश कहलाता | कर्क और सिंह राशि में १८वें , २७वें और २८वें अंश को अंध-अंश कहा जाता है | वृश्चिक राशि का पहला , १०वां, २७वां, और २८वां अंश , मकर राशि में २६ अंश से २९ अंश तक और कुम्भ राशि का ८वां, १०वां , १८वां एवं १९वां अंश को अंध अंश कहते हैं | जब सूर्य अथवा चण्द्रमा जन्म के समय अंध अंश में रहता है तो जातक के नेत्र रोग की सूचना होती है | १.

ज्योतिष के अनुसार जातक को होने वाले रोग

ज्योतिष के अनुसार जातक को होने वाले रोग. ज्योतिष के अनुसार जातक को होने वाले रोग ज्योतिष के माध्यम से जातक को होने वाले रोग अर्थात शारीरिक कष्ट की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है | ज्योतिषीय गणना से जातक के विद्यमान रोग के अलावा जातक को भविष्य में होने वाली बिमारियों के बारे में सचेत करने में आसानी होती है | बशर्ते की आज के युग में चिकित्सा विज्ञानं बहुत उन्नति कर गया है लेकिन वर्तमान चिकित्सा विज्ञानं से किसी भी इंसान की मौजूदा बिमारियों का पता लगाया जा सकता है , वहीँ ज्योतिषीय गणना से भविष्य का भी | हर इंसान की चाहत होती है की वह स्वस्थ रहे | बीमार होने के बाद बिमारियों के ऊपर होने वाले खर्च काफी अधिक होते हैं तथा शारीरिक कष्ट भी , अर्थात ज्योतिषीय सलाह से इंसान अपनी होने वाली बिमारियों से सचेत रहकर काफी हद तक उनसे बच सकता है | ज्योतिषीय उपायों द्वारा विद्यमान अथवा भविष्य में होने वाली बिमारियों से निजात भी पाया जा सकता है | ग्रह गण और राशियों के द्वारा कफ, पित्तादि दोष किस प्रकार उत्पन्न होते हैं और उन दोषों से रोगों का अनुमान किस प्रकार किया जा सकता है ,अग्रलिखित हैं | मस्तिष्क रोग.

ज्योतिष के अनुसार जातक को होने वाले रोग

ज्योतिष के अनुसार जातक को होने वाले रोग. Effect of Lord of Ascendant (Lagna) in Different House Part-2. The main gemstones for Gemini and Their magical connection. *3 जून को वट सावित्री व्रत रखेगी सौभाग्यवती महिलाये* *3 जून को वट सावित्री व्रत रखेगी सौभाग्यवती महिलाये* वट सावित्री व्रत 3 जून सोमवार,ज्येष्ठ मास, कृष्णपक्ष की अमावस को रखा जाएगा।

*3 जून को वट सावित्री व्रत रखेगी सौभाग्यवती महिलाये*

सौभाग्य की कामना करते हुए सौभाग्यवती महिलाये वट सावित्री के व्रत को अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है । इस बार वट सावित्री व्रत अमावस तिथि सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी, जिससे सौभाग्यवती महिलाओ की मनोकामना पूर्ण होगी। जो कि 2 जून शाम 4:39 बजे से प्रारंभ होकर 3 जून को शाम 3:31 बजे तक रहेगी। Effect of Lord of Ascendant (Lagna) in Different House. How to Read Horoscope in Vedic Astrology. How to Read Horoscope in Vedic Astrology. Rahu:The Demon with a Difference (Part-4) Rahu:The Demon with a Difference (Part-3) भगवान विष्णु के पुजन एवं विभिन्न वस्तुओं के अर्पण का फल!! How To Read Panchang. गर्मियों में सुरक्षा हेतु क्या करे और क्या ना करे ??

वक्री शनि के विभिन्न राशियों पर प्रभाव. Astrology, Horoscope 2019 Articles at Astrolok- An Institute of Vedic astrology. 2019 में कब मनेगा गुड़ी पड़वा एवम् चैत्र नवरात्र का त्यौहार. Who am I? Kaun hoon Main? Self Realization! Know Yourself. Do you know why divorce takes place in life ??